वो देखने में : लंडन पेरिस न्यूयोर्क


हा  हा  हा  हा …..
वो  देखने  में
कैसी  सीधी  साधी  लगती
है  बोलती  की  वो  तो
कुछ  नहीं  समझती
अन्दर  से  कितनी  तेज़  है 
कभी  अजीब  सी
कभी  हसीं  लगती
कभी  किसी  किताब  का
है  सीन लगती
फिलोसोफी  का
क्रेज़  है 
हो .. कहती  है
ये  एक  फेज है 
वो  देखने  में
कैसी  सीधी  साधी  लगती
है  बोलती  की  वो  तो
कुछ  नहीं  समझती
अन्दर  से  कितनी  तेज़  है 
कभी  अजीब  सी
कभी  हसीं  लगती
कभी  किसी  किताब  का
है  सीन  लगती
फिलोसोफी  का
क्रेज़  है 
हो .. कहती  है
ये  एक  फेज  है
हो .. कहती  है
ये  एक  फेज .. है 
शिहान ..
प्  प्  प् .. प् पपा .. प् पपा  पारा ..
प्  प्  प् .. पप्पा .. पप्पा  पारा ….
ये .. कहाँ  मैं  आ  गया  
बोलो  कैसा ये  तैयार   है
दिल .. किसी  का  हो  गया
न  इस्पे  इख़्तियार  है
करो  तो  क्या  करू
करों  तो  क्या  करू
यह  गाना  भी  तो
उसको  पास  लाने  का
बहाना  है 
वो  चुप  चुप
मेरे  दिल  के  राज़  खोलती
आदत  के  ये
मेरे  ख्वाब  भी  टटोलती 
Possessiveness का
केस  है ..
जान ..इ ..जान  इ  मन
तो  हर  गाने  में
आता  है
परवाना  रोमो
हर  लड़का  ही  बन  जाता  है 
लिखू  तो  क्या  लिखूं
बनू  तो  क्या  बनू
यह  फिल्मो  में लड़का  ही  क्यों  लड़की  को पसंद  है 
मैं  चाहूं  भी  तो  मैं
सभी  वो  कर  जाता  हूँ
वो  आये  सामने  तो
मैं  सुधर  जाता  हूँ
लड़की  इक  फुल  ओन केस है 
हो .. कहती  है  ये
एक  फेज  है  (With me)
वो  देखने  में 
कैसी  सीधी  साधी  लगती 
है  बोलती  की  वो  तो 
कुछ  नहीं  समझती 
अन्दर  से  कितनी  तेज़  है 
कभी  अजीब  सी 
कभी  हसीं  लगती 
कभी  किसी  किताब  का
है  सीन  लगती
फिलोसोफी  का
क्रेज़  है 
हो .. कहती  है
ये   एक  फेज   है
हाँ .. कहती  है
ये  एक फेज  है 
ओवू …ओ …
रहू ..वू ….हु
Hi…hhihihi..

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