शर्मिंदा हूं : एक दीवाना था


मै  एक लहर हूं जो
समय की नदी से
बस तुमसे मिलने किनारे थी आई
मगर जो भी हो
हर एक लहर को मिट  जाना  है
नदी में हाय जा  के
हम्म ... ऊ हम्म ...
हम्म ... ऊ हम्म ...

तुमको मैने चाहा  भी है
तुम्ही  को मैने गम भी दिए
शर्मिंदा  हूं
शर्मिंदा  हूं
शर्मिंदा  हूं

तुमको मैने चाहा  भी है
तुम्ही  को मैने गम भी दिए
शर्मिंदा  हूं
शर्मिंदा  हूं
सच कहती  हूँ  दिल  ही  दिल  में 
शर्मिंदा  हूँ 

दुनिया जो चाहे कह ले
पर तुझको मिलने से पहले 
खुद से भी ना मिल सका था मै 
खोया सा  था मै  उलझा  सा था
की तुझ बिन मेरी  थी कोई राहे  
मेरी ज़िंदगी तुझ बिन थी जैसे
ओस की बूंद पट्टी से अब गिरी अब गिरी
अरे हो ..
ओस की बूंद पट्टी से अब गिरी अब गिरी

मुख्य .. अगर .. सांस थी
तुम खुशबू थे 
कैसे कैसे पल पल  यादों के
तुम्हे  ऐसे खो के
अकेले मैं ज़िदा हूँक्यूं?

कागज़ था मुख्यहवा में उड़ता 
तूने मुझ पे जाने क्या लिख दिया
मुझको अब शब्द है मिल गए नए 
ये शब्द ये प्यार के 


तुमको मैने चाहा  भी है
तुम्ही  को मैने गम भी दिए
शर्मिंदा  हूं
शर्मिंदा  हूं
सच कहती  हूँ  दिल  ही  दिल  में 
शर्मिंदा  हूँ 

सितारों  से आगे जहान और भी है
अभी इश्क के इम्तेहान  और भी है .. और भी है
तू शाहीन हाई परवाज़  है
काम  तेरा तेरे सामने आस्मां  और भी
सितारों  से आगे जहान और भी है

तुम हो सच .. की हो कोई परछाई 
क्या तुम एक ख्वाब  हो जो कहीं नहीं
भीगी हैं पलकें  मेरी
तकिये  है मेरे नम 
तुम ही बताओ मुझको
कैसे भुलाऊं  ये

तुमको मैने चाहा  भी है
तुम्ही  को मैने गम भी दिए 
शर्मिंदा  हूं
शर्मिंदा  हूं
शर्मिंदा  हूं

दुनिया जो चाहे कह ले
पर तुझको मिलने से पहले 
खुद से भी ना मिल सका था मै
खोया सा  था मै  उलझा  सा था
की तुझ बिन मेरी  थी कोई राहे  
मेरी ज़िंदगी तुझ बिन थी जैसे
ओस की बूंद पट्टी से अब गिरी अब गिरी
मेरी जिन्दगी थी
ओस की बूंद पट्टी से अब गिरी अब गिरी
मेरी जिंदगी थी 
ओस की बूंद पट्टी से अब गिरी अब गिरी

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