सद्दा हक्क़..ऐत्थे रक्ख : रोकस्टार



तुम लोगों की
इस दुनिया में -
हर कदम पर..इंसान ग़लत |

मैं सही समझ के..जो भी कहूँ ,
तुम कहते हो - " ग़लत " |

मैं ग़लत हूँ..तो फ़िर , कौन सही ?
( तो फ़िर , कौन सही ? )

मर्ज़ी से जीने की भी..मैं ,
क्या तुम सब को अर्ज़ी दूँ ?
मतलब कि ,
तुम सबका मुझपर ,
मुझसे भी ज़्यादा हक़ है ?!

सद्दा हक्क़..ऐत्थे रक्ख !  8 times

ना ना ना 
सद्दा हक्क़..ऐत्थे रक्ख !  4 times 

हे ! इन गद्दारों में ,
या , उद्धारों में ,
तुम मेरे जीने की आदत का क्यूँ घोंट रहे दम ?

बे-सलीका मैं ,
"उस गली" का मैं -
न जिसमें हया , न जिसमें शरम |

मन बोले कि -
"रस में जीने का हर्जाना..दुनिया दुश्मन |
सब बेग़ाना |
इन्हें आग लगाना !"
मन बोले , मन बोले -
"मन से जीना..या , मर जाना !" 

सद्दा हक्क़..ऐत्थे रक्ख !  8 times 


ओ ! Eco-friendly , Nature के रक्षक !
मैं भी हूँ..Nature |

रिवाज़ों से ,
समाजों से ,
क्यूँ..तू काटे मुझे ?
क्यूँ बाँटे मुझे..इस तरह ?
क्यूँ सच का सबक़ सिखाए..जब सच सुन भी न पाए ?!
सच कोई बोले..तो , तू नियम-क़ानून बताए !

तेरा डर ,
तेरा प्यार ,
तेरी "वाह" ,
..तू ही रख !
( रख , साले ! )

सद्दा हक्क़..ऐत्थे रक्ख !  4 times 
सद्दा हक्क़..ऐत्थे रक्ख !  8 times

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