कोयल सी तेरी बोली - बेटा (1992)

कोयल सी तेरी बोली, कु कु कु..
सूरत है कितनी भोली, कू कु कु..
नैन तेरे कजरारे, होंठ तेरे अंगारे
तुझे देख के दिल मेरा खोने लगा

बातों में तेरी सरगम, छन छन छन..
मन को लुभाए प्रीतम, छन छन छन..
रंग तेरा रंगीला, तू है छैल छबीला
तुझे देख के कुछ मुझे होने लगा

यौवन की तू मलिका, खिल के तेरा बदन महके
आऊँ जो पास तेरे, साँसों का चमन महके
अंगों से तेरे रस बरसे, तेरे लिए जीवन तरसे
मेरे होश लिए जाते हैं कंवारे तेरे कंगना
तूने मुझे बेचैन किया, तूने भी तो मेरा चैन लिया
बातों में तेरी सरगम...

तूने मेरे तन को छुआ, मन में हुई कोई हलचल
दिल मेरा डोल गया, ऐसे उड़ा तेरा आँचल
प्रीत के रंग रंगाऊं चुनर, नाम तेरे लिख दी है उमर
बन के मैं आऊंगी दुल्हन तेरे अंगना
तेरे मिलन की प्यास जगी, कैसे कहूँ क्या आग लगी
कोयल सी तेरी बोली...

दिल क्या करे जब किसी को : जूली (1975)

दिल क्या करे जब किसी को, किसी से प्यार हो जाए
जाने कहाँ कब किसी को किसी से प्यार हो जाए
ऊँची-ऊँची दीवारों सी, इस दुनिया की रस्में
ना कुछ तेरे बस में जूली, ना कुछ मेरे बस में

जैसे पर्वत पे घटा झुकती है
जैसे सागर से लहर उठती है
ऐसे किसी चहरे पे निगाह रुकती है
रोक नहीं सकती नज़रों को, दुनिया भर की रस्में
ना कुछ तेरे...

आ मैं तेरी याद में सबको भुला दूँ
दुनिया को तेरी तसवीर बना दूँ
मेरा बस चले तो दिल चीर के दिखा दूँ
दौड़ रहा है साथ लहू के प्यार तेरे नस-नस में
ना कुछ तेरे...



बादशाह हो बादशाह - बादशाह (1999)


आशिक़ हूँ मैं क़ातिल भी हूँ
सबके दिलों में शामिल भी हूँ
दिल को चुराना नींदें उड़ाना बस यही मेरा क़ुसूर
वादों से अपने मुकरता नहीं, मरने से मैं कभी डरता नहीं
बादशाह ओ बादशाह, बादशाह ऐ बादशाह
बादशाह ओ बादशाह, बादशाह

 चारों तरफ़ हैं मेरे ही चर्चे, होंठों पे है बस मेरा नाम
रंगों भरी सुबह मेरी, मस्ती में डूबी है मेरी शाम
झूठी कहानी सच्ची लगे, आवारगी मुझे अच्छी लगे
नग़में सुनाना, सबको नचाना, बस यही मेरा क़ुसूर
वादों से अपने मुकरता नहीं, मरने से मैं कभी डरता नहीं
बादशाह ओ बादशाह...

 है ये मोहब्बत कमज़ोरी मेरी, चाहत की दुनिया पे मेरा राज
बस रब के आगे झुकता मेरा सर, झुकते मेरे सामने तख्त-ओ-ताज
अंदाज़ मेरा सबसे जुदा, मैं बादशाहों का बादशाह
सपने सजाना हँसना-हँसाना, बस यही मेरा क़ुसूर
वादों से अपने मुकरता नहीं, मरने से मैं कभी डरता नहीं
बादशाह ओ बादशाह...

कहना ही क्या : बॉम्बे (1995)

कहना ही क्या
ये नैन एक अन्जान से जो मिले
चलने लगे, मोहब्बत के जैसे ये सिलसिले
अरमां नये ऐसे दिल में खिले
जिनको कभी मैं ना जानूं
वो हमसे, हम उनसे कभी ना मिले
कैसे मिले दिल ना जानूं
अब क्या करें
क्या नाम लें
कैसे उन्हे मैं पुकारूं

पहली ही नजर में कुछ हम, कुछ तुम
हो जातें है यूं गुम
नैनों से बरसे रिम-झिम, रिम-झिम
हमपे प्यार का सावन
शर्म थोड़ी-थोड़ी हमको, आये तो नज़रें झुक जाएँ
सितम थोड़ा-थोड़ा हमपे, शोख हवा भी कर जाये
ऐसी चली, आँचल उड़े, दिल में एक तूफ़ान उठे
हम तो लुट गये खड़े ही खड़े
कहना ही क्या...

इन होंठों ने माँगा सरगम, सरगम
तू और तेरा ही प्यार है
आँखें ढूंढे है जिसको हर दम, हर दम
तू और तेरा ही प्यार है
महफ़िल में भी तन्हां है दिल ऐसे, दिल ऐसे
तुझको खोना दे, डरता है ये ऐसे, ये ऐसे
आज मिली, ऐसी खुशी, झूम उठी दुनिया ये मेरी
तुमको पाया तो पाई ज़िन्दगी
कहना ही क्या...

सांस में तेरी सांस मिली तो - जब तक है जान (2012)

सांस में तेरी सांस मिली तो
मुझे सांस आई
रूह ने छू ली जिस्म की खुश्बू
तू जो पास आई

कब तक होश संभाले कोई
होश उड़े तो उड़ जाने दो
दिल कब सीधी राह चला है
राह मुड़े तो मुड़ जाने दो
तेरे ख़याल में डूबके अक्सर
अच्छी लगी तन्हाई
सांस में तेरी...

रात तेरी बाँहों में कटे तो
सुबह बड़ी हलकी लगती है
आँख में रहने लगे हो क्या तुम
क्यूँ छलकी-छलकी लगती है
मुझको फिर से छू के बोलो
मेरी कसम क्या खाई
सांस में तेरी...

हीर हीर ना आँखों अड़ियो -जब तक है जान (2012)

हीर हीर ना आँखों अड़ियो
मैं ते साहेबा होई
घोड़ी ले के आवे लै जाए
हो मैनू लै जाए मिर्ज़ा कोई

ओहदे जे ही मैं, ते ओह मेरे वरगा
हंसदा-ए सजर-सवेरे वरगा
अन्खां बंद कर लै ते
ठन्डे हनेरे वरगा
ओहदे जे ही मैं, ते ओह मेरे मिर्ज़ा वरगा
हीर हीर ना...

नाल नाल टुर ना ते विथ रखणा
हद रख लेणा विच दिल रखणा
छाँवे-छाँवे पावे असी तेरी
पर छाँवे टुर ना
ओहदे जे ही मैं ते ओ मिर्ज़ा मेरे वरगा
हीर हीर ना...

जिया, जिया रे जिया रे - जब तक है जान (2012)

चली रे, चली रे
जुनूं को लिए
कतरा, कतरा
लम्हों को पीये
पिंजरे से उड़ा
दिल का शिकरा
खुदी से मैंने इश्क किया रे
जिया, जिया रे जिया रे

छोटे-छोटे लम्हों को
तितली जैसे पकड़ो तो
हाथों में रंग रह जाता है
पंखों से जब छोडो तो
वक़्त चलता है
वक़्त का मगर रंग
उतरता है अक्किरा
उड़ते-उड़ते फिर एक लम्हा
मैंने पकड़ लिया रे
जिया जिया रे जिया रे...

हलके-हलके पर्दों में
मुस्कुराना अच्छा लगता है
रौशनी जो देता हो तो
दिल जलाना अच्छा लगता है
एक पल सही, उम्र भर इसे
साथ रखना अक्किरा
ज़िन्दगी से फिर एक वादा
मैंने कर लिया रे
जिया जिया रे जिया रे...
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