दिल तो बच्चा है जी : इश्किया



ऐसे  उलझी नज़ारा  से  हटती  नहीं 
 दातसे रेशमी डोर  कटती  नहीं
 उम्र  कब  की  बरस  के  सफ़ेद   हो  गयी
 कारी  बदरी  जवानी  की  चाटती  रही
 वल्लाह  ये  धड़कन  बढ़ने  लगी  है
 चेहरे  की  रंगत  उड़ने  लगी  है
 दर  लगता  है  तनहा  सोने  में  जी
 दिल  तो  बच्चा है  जी  - 2 थोडा  कच्चा   है  जी  
 दिल  तो  बच्चा है  जी  
ऐसे  उलझी नज़ारा  से  हटती  नहीं  
 दातसे रेशमी डोर  कटती  नहीं
 गारी बदरी  जवानी  की  चाटती  रही

 किस  को  पता  था  पहलूँ  में  रखा 
 दिल  ऐसा  बाजी  भी  होगा 
 हम  तो  हमेशा  समजते  थे  कोई
 हम  जैसा  हाजी  हे  होगा  
 आये  जोर  करे  कितना  शोर  करे
 बेवजा  बातो  पे   गौर  करें
 दिल  सा  कोई  कमीना  नहीं  कोई  तो  रोके  
 कोई  टोके  इस  उमर  में  अब  खावोगे   धोके
 डर  लगता  है  इश्क  में  करने  भी  जी
 दिल  तो  बच्चा  है  जी  दिल  तो  बच्चा  है  जी
 थोडा  कच्चा  है  जी  दिल  तो  बच्चा  है  जी

 ऐसे  उदासी  बेठी   है  दिल  पे  
 हँसने  से  घबरा  रहे  है
 साडी  जवानी  कतराके  काँटी
 पीरी  में  टकरा  गए  है  
 दिल धडकता  है  तो  ऐसे  लगता  है  जो
 आ  रहा  है  यही  देखता  हे  न  हो  
 प्रेम  की  मरे  क़तर  रे 
 तोबा  ये  लम्हे  कटते  नहीं  है  क्यूँ
 आँखों  से  मेरी  हटाते  नहीं  जो
 डर  लगता  है  मुझसे  करना  बाजी
 दिल  तो  बच्चा  है  जी  - 2 थोडा  कच्चा  है  जी  
 दिल  तो  बच्चा  है  जी 

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