कब तक गिने , हम धड़कने :जिंदगी ना मिलेगी दोबारा

हे  हे , चलो  न 
ढूँढें  शहर  नया 
जहां  मुस्कुराहटें  हैं  बिखरी 
जहां  से  ग़म  का  मौसम  गया 
जहां  मीठी  बातें , हर  इक  अजनबी  से  हो 
भूले  हम  भी  जो  साड़ी  फिक्रें 
लम्हा  लम्हा  खुशियाँ  बिखरें 
इधर  उधर  और  यहाँ -वहाँ 
जायें  वहीँ , दिल  कहे  जहां 
बेबी  बेबी  बेबी ...

कब  तक  गिनी , हम  धड़कने 
दिल  जैसे  धडके  धड़कने  दो 
क्यूँ  है  कोई  आग  दबी 
शोला  जो  भड़के  भड़कने  दो 

हे  हे ..!, चलो  न 
गाये  नए  नए  गीत 
खेल  ऐसा  क्यूँ  न  कोई  खेले , जिसमे  सभी  की  हो  जीत 
इन  दिनों  फूल  और  तारे , कोई  भी  देखता  नहीं 
देखे  उनको  दीवाने  होके , कोई  कितना  भी  हमको  टोके 
खुली  हवा  हो खुला  समा 
जागे  हुए  हो सब  अरमान 
बेबी  बेबी  बेबी ...

कब  तक  गिने , हम  धड़कने 
दिल  जैसे  धडके  धड़कने  दो 
क्यूँ  है  कोई  आग  दबी 
शोला  जो  भड़के  भड़कने  दो 

हमसे  दिल  ने  कहीं  जो  बातें , आओ  मान  ले 
जिस  पे  चलता  नहीं  है  कोई  राह  वोह  चलें 
थोड़ी  आवारगी  हो , थोड़ी  थोड़ी  मदहोशियाँ  हो  बेबी 
हम  हो  तुम  हो , बेबी  टेल  में 

कब  तक  गिने , हम  धड़कने 
दिल  जैसे  धडके  धड़कने  दो 
क्यूँ  है  कोई  आग  दबी 
शोला  जो  भड़के  भड़कने  दो 
कब  तक  गिने , हम  धड़कने 
दिल  जैसे  धडके  धड़कने  दो 
क्यूँ  है  कोई  आग  दबी 
शोला  जो  भड़के  भड़कने  दो 
कब  तक  गिने , हम  धड़कने 
दिल  जैसे  धडके  धड़कने  दो 
क्यूँ  है  कोई  आग  दबी 
शोला  जो  भड़के  भड़कने  दो  

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