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सेनोरिता : जिंदगी ना मिलेगी दोबारा

ना  मै  समझा
ना  मैं  जाना
जो  भी  तुमने
मुझसे  कहा  है
सेनोरिता
मगर  फिर  भी
ना  जाने  क्यूँ
मुझे  सुनके
अच्छा  लगा  है
सेनोरिता
मुझको  बाहों  में
तुम  घेरो
समझी  न
सेनोरिता
चाहत  के  दो
पल  भी
मिल  पाएं
दुनिया  में
यह   भी  कम
है  क्या
दो  पल  को
तो  आओ
खो  जाए
भूले  हम
होता  गम  है   क्या
सेनोरिता
सुनो  सुनो
सेनोरिता
कहते  हम  है  क्या
निगाहों ने  निगाहों  से
कही  अरमानों  की  दास्तान  है
सेनोरिता
यह  चाहत  की
मोहब्बत  की
सारी  दुनिया  में
एक  ही  जुबां  है
सेनोरिता
मुझसे  अब  नज़र  न  फेरो
आओ  पास  तुम  मेरे
मुझको  बाहों  में
तुम  घेरो
समझी  न
सेनोरिता
चाहत  के  दो
पल  भी
मिल  पाएं
दुनिया  में
यह  भी  कम
है  क्या
दो  पल  को
तोह  आओ
खो  जाए
भूले  हम
होता  गम  है  क्या
सेनोरिता
सुनो  सुनो
सेनोरिता
कहते  हम  है  क्या
जो  भी  पल  बीता
हे  सेनोरिता
हर  पल  तुमने  है
दिल  जीता
बस  इतनी  सी  तो
बात  है
मुझको  बाहों  में
तुम  घेरो
समझी  न
सेनोरिता
चाहत  के  दो
पल  भी
मिल  पाएं
दुनिया  में
यह  भी  कम
है  क्या
दो  पल  को
तो  आओ
खो  जाए
भूले  हम
होता  गम  है  क्या
चाहत  के  दो
पल  भी
मिल  पाएं
दुनिया  में
यह  भी  कम
है  क्या
दो  पल  को
तो  आओ
खो  जाए
भूले  हम
होता  गम  है  क्या

सूरज की बाहों में , अब है यह ज़िन्दगी

सूरज  की  बाहों  में , अब  है  यह  ज़िन्दगी 
किरने  हैं  साँसों  में , बातों  में  रौशनी 
सूरज  की  बाहों  में , अब  है  यह  ज़िन्दगी 
किरने  हैं  साँसों  में , बातों  में  रौशनी 

जो  भी  बदली  दिल  की  ताल  है , अहा ..
यूँही  ही  आया  एक   ख्याल  है , अहा ..
पाते  हम  है  ज़िन्दगी  इक  बार 
क्यूँ  न  करे  खुलके  हम  इसको  प्यार 
जाने  किसका  है  हमें  इंतज़ार 
के  ज़िन्दगी  येही  है  और  येही 
जो  भी  कल  तक  बस  आरज़ू , अहा 
वो  ही  पा   गए  हैं  मैं  और  तू , अहा ..

थामे  हम  हाथों  में  यूँही  हाथ
शहर  भर  में  घूमेंगे  साथ  साथ
सारे  सारे  दिन  सारी  सारी  रात
बरस  रही  है  इक  ख़ुशी  हर  कहीं

सूरज  की  बाहों  में , अब  है  यह  ज़िन्दगी
किरने  हैं  साँसों  में , बातों  में  रौशनी
सूरज  की  बाहों  में , अब  है  यह  ज़िन्दगी
किरने  हैं  साँसों  में , बातों  में  रौशनी

नए  नए  सपने  जो  बुन  सके
उस्सी  ज़िन्दगी  को  कहूं  ज़िन्दगी
नए  नए  रस्स्ते  जो  चुन  सकें
उस्सी  ज़िन्दगी  को  कहूं  ज़िन्दगी
हर  पल  मचलती  हो   झूम  के  चलती  हो  वोह  है  ज़िन्दगी

सूरज  की  बाहों  में , अब  है  यह  ज़िन्दगी
किरने  हैं  साँसों  में , बातों  में  रौशनी
सूरज  की  बाहों  में , अब  है  यह  ज़िन्दगी
किरने  हैं  साँसों  में , बातों  में  रौशनी

पाते  हम  है  ज़िन्दगी  एक  बार
क्यूँ  न  करे  खुलके  हम  इसको  प्यार
जाने  किसका  है  हमें  इंतज़ार
के  ज़िन्दगी  येही  है  और  येही

सूरज  की  बाहों  में , अब  है  यह  ज़िन्दगी
किरने  हैं  साँसों  में , बातों  में  रौशनी
सूरज  की  बाहों  में , अब  है  यह  ज़िन्दगी
किरने  हैं  साँसों  में , बातों  में  रौशनी



सूरज  की  बाहों  में , अब  है  यह  ज़िन्दगी
किरने  हैं  साँसों  में , बातों  में  रौशनी

देर लगी लेकिन : जिंदगी ना मिलेगी दोबारा

देर  लगी  लेकिन 
मैंने  अब  है  जीना  सीख  लिया 
जैसे  भी  हो 'न  दिन 
मैंने  अब  है  जीना  सीख  लिया 
अब  मैंने ....
यह  जाना  है , ख़ुशी  है  क्या , ग़म  क्या ..
दोनों  ही , दो  पल  की है  रुत्तें 
न यह  ठहरे  न  रुके 
ज़िन्दगी  दो  रंगों  से  बने 
अब  रूठे , अब  माने 
येही  तो  है , येही  तो  है , यहाँ 

देर  लगी  लेकिन 
मैंने  अब  है  जीना  सीख  लिया 
आंसुओ ' के  बिन 
मैंने  अब  है  जीना  सीख  लिया 
अब  मैंने ...
यह  जाना  है  किसे  कहूं  अपना 
है  कोई , जो  यह  मुझ  से  कह  गया 
यह  कहाँ  तू  रह  गया 
ज़िन्दगी  तोह  है  जैसे  कारवां 
तू  है  तनहा  कब  यहाँ 
सभी  तो  है , सभी  तो  है  यहाँ 

कोई  सुनाये  जो  हस्ती  मुस्कुराती  कहानी 
कहता  है  दिल , मैं  भी  सुनु 
आंसू भी  मोती  हो  जो  किसी  के  निशानी 
कहता  है  दिल , मैं  भी  चुनु 
बाहें  दिल  की  हो  बाहों  में  चलता 
चलूँ  यूँही  राहों  में 
बस  यूँही , अब  यहाँ , कब  वहाँ 

देर  लगी  लेकिन 
मैंने  अब  है  जीना  सीख  लिया 
आंसुओं  के  बिन 
मैंने  अब  है  जीना  सीख  लिया 

है  कोई , जो  यह  मुझसे  कह  गया 
यह  कहाँ  तू  रह  गया 
ज़िन्दगी , तो  है  जैसे  कारवां 
तू  है  तनहा  कब  यहाँ 
सभी  तो  है , सभी  तो  है  यहाँ 
(सभी  तो  है , सभी  तो  है यहाँ )

उड़े , खुले आसमान में ख्वाबों के परिंदे : जिंदगी ना मिलेगी दोबारा

उड़े , खुले  आसमान  में  ख्वाबों  के  परिंदे 
उड़े , दिल  के  जहां  मैं  खाबों  के  परिंदे 
ओहो , क्या  पता , जायेंगे  कहाँ 
खुले  हैं  जो  पल , कहे  यह  नज़र 
लगता  है  अब  है  जागे  हम 
फिक्रें  जो  थी , पीछे  रह  गयी 
निकले  उनसे  आगे  हम 
हवा  में  बह  रह i हा i ज़िन्दगी 
यह  हम  से  कह  रही  है  ज़िन्दगी 
ओहो , अब  तो , जो  भी  हो  सो  हो 

उड़े , खुले  आसमान  में  ख्वाबों  के  परिंदे 
उड़े , दिल  के  जहां  मैं  खाबों  के  परिंदे 
ओहो , क्या  पता , जायेंगे  कहाँ  
किसी  ने  छुआ  तो  यह  हुआ 
फिरते  है  महके  महके  हम 
खोयी  हैं  कहीं  बातें  नयी 
जब  हैं  ऐसे  बहके  हम 
हुआ  है  यूँ  के  दिल  पिघल  गए 
बस  एक  पल  में  हम  बदल  गए 
ओहो , अब  तोह , जो  भी  हो  सो  हो 

रौशनी  मिली 
अब  राह  में  है  इक  दिलकशी  सी  बरसी 
हर  खुसी  मिली 
अब  ज़िन्दगी  पे  है  ज़िन्दगी  सी  बरसी 
अब  जीना  हम  ने  सीखा  है 

याद  रहे  कल , आया  था  वोह  पल 
जिसमे  जादू  ऐसा  था 
हम  हो  गए  जैसे  नए 
वो  पल  जाने  कैसा  था 
कहे  यह  दिल  के  जा  उधर  भी  तू 
जहां  भी  लेके  जाए  आरज़ू 
ओहो , अब  तो ...
जो  भी  हो  सो  हो 
जो  भी  हो  सो  हो 
उड़े ..
जो  भी  हो  सो  हो 
उड़े ...
जो  भी  हो  सो  हो 

कब तक गिने , हम धड़कने :जिंदगी ना मिलेगी दोबारा

हे  हे , चलो  न 
ढूँढें  शहर  नया 
जहां  मुस्कुराहटें  हैं  बिखरी 
जहां  से  ग़म  का  मौसम  गया 
जहां  मीठी  बातें , हर  इक  अजनबी  से  हो 
भूले  हम  भी  जो  साड़ी  फिक्रें 
लम्हा  लम्हा  खुशियाँ  बिखरें 
इधर  उधर  और  यहाँ -वहाँ 
जायें  वहीँ , दिल  कहे  जहां 
बेबी  बेबी  बेबी ...

कब  तक  गिनी , हम  धड़कने 
दिल  जैसे  धडके  धड़कने  दो 
क्यूँ  है  कोई  आग  दबी 
शोला  जो  भड़के  भड़कने  दो 

हे  हे ..!, चलो  न 
गाये  नए  नए  गीत 
खेल  ऐसा  क्यूँ  न  कोई  खेले , जिसमे  सभी  की  हो  जीत 
इन  दिनों  फूल  और  तारे , कोई  भी  देखता  नहीं 
देखे  उनको  दीवाने  होके , कोई  कितना  भी  हमको  टोके 
खुली  हवा  हो खुला  समा 
जागे  हुए  हो सब  अरमान 
बेबी  बेबी  बेबी ...

कब  तक  गिने , हम  धड़कने 
दिल  जैसे  धडके  धड़कने  दो 
क्यूँ  है  कोई  आग  दबी 
शोला  जो  भड़के  भड़कने  दो 

हमसे  दिल  ने  कहीं  जो  बातें , आओ  मान  ले 
जिस  पे  चलता  नहीं  है  कोई  राह  वोह  चलें 
थोड़ी  आवारगी  हो , थोड़ी  थोड़ी  मदहोशियाँ  हो  बेबी 
हम  हो  तुम  हो , बेबी  टेल  में 

कब  तक  गिने , हम  धड़कने 
दिल  जैसे  धडके  धड़कने  दो 
क्यूँ  है  कोई  आग  दबी 
शोला  जो  भड़के  भड़कने  दो 
कब  तक  गिने , हम  धड़कने 
दिल  जैसे  धडके  धड़कने  दो 
क्यूँ  है  कोई  आग  दबी 
शोला  जो  भड़के  भड़कने  दो 
कब  तक  गिने , हम  धड़कने 
दिल  जैसे  धडके  धड़कने  दो 
क्यूँ  है  कोई  आग  दबी 
शोला  जो  भड़के  भड़कने  दो  
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