अभी मुझ में कहीं , बाकी थोड़ी सी है ज़िन्दगी
जगी धड़कन नयी , जाना जिंदा हूँ मैं तो अभी
कुछ ऐसी लगन इस लम्हे में है
यह लम्हा कहाँ था मेरा
अब है सामने , इससे छू लू ज़रा
मर जाऊ या जी लू ज़रा
खुशियाँ चूम लूं
या रो लू ज़रा
मर जाऊ या जी लूं ज़रा
हूँ अभी मुझ में कही , बाकी थोड़ी सी है ज़िन्दगी
हूँ धुप में जलते हुए तन को , छाया पढ़ की मिल गयी
रूठे बच्चे की हंसी जैसे , फुसलाने से फिर खिल गयी
कुछ ऐसा ही अब दिल को महसूस हो रहा है
बरसों के पुराने ज़ख्मों पे मरहम लगा सा है
कुछ ऐसा रहें , इस लम्हे में है
ये लम्हा कहाँ था मेरा
अब है सामने , इससे छू लूं ज़रा
मर जाऊं या जी लूं ज़रा
खुशियाँ चूम लूं
या रो लूं ज़रा
मर जाऊं या जी लूं ज़रा
डोर से टूटी पतंग जैसी , थी यह जिंदगानी मेरी
आज हूँ कल हो मेरा न हो
हर दिन थी कहानी मेरी
एक बंधन नया पीछे से अब मुझको बुलाये
आने वाले कल की क्यूँ फिकर मुझको सता जाए
इक ऐसी चुभन , इस लम्हे में है
यह लम्हा कहाँ था मेरा
अब है सामने , इससे छू लूं ज़रा
मर जाऊं या जी लूं ज़रा
खुशियाँ चूम लूं
या रो लू ज़रा
मर जाऊं या जी लू ज़रा
आज हूँ कल हो मेरा न हो
हर दिन थी कहानी मेरी
एक बंधन नया पीछे से अब मुझको बुलाये
आने वाले कल की क्यूँ फिकर मुझको सता जाए
इक ऐसी चुभन , इस लम्हे में है
यह लम्हा कहाँ था मेरा
अब है सामने , इससे छू लूं ज़रा
मर जाऊं या जी लूं ज़रा
खुशियाँ चूम लूं
या रो लू ज़रा
मर जाऊं या जी लू ज़रा
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