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ओ सैयां : अग्निपथ

मेरी अधूरी कहानी, लो दास्ताँ बन गयी
तूने छुआ आज ऐसे, मैं क्या से क्या बन गयी
सहमे हुए, सपने मेरे, हौले-हौले अंगड़ाईयाँ ले रहे
ठहरे हुए, लम्हें मेरे, नयी-नयी गहराईयाँ ले रहे

ज़िन्दगी ने पहनी है मुस्कान
करने लगी है
इतना करम क्यूँ ना जाने
करवट लेने लगे हैं
अरमान फिर भी
है आँख नम क्यूँ ना जाने
ओ सैयां...

ओढूं तेरी काया, सोलह श्रृंगार मैं सजा लूं
संगम की ये रैना, इसमें त्यौहार मैं मना लूं
खुशबु तेरी छू के, कस्तूरी हो जाऊं
कितनी फीकी थी मैं, सिन्दूरी हो जाऊं
सुर से ज़रा, बहकी हुई, मेरी दुनिया थी बड़ी बेसुरी
सुर में तेरे, ढलने लगी, बनी रे पिया मैं, बनी बांसुरी
ज़िन्दगी ने पहनी है मुस्कान...

मेरे आसमां से, जो हमेशा
गुमशुदा थे, चाँद तारे
तूने, गर्दिशों की, लय बदल दी
लौट आये, आज सारे
ओ सैयां...

गुण गुण गुना रे :अग्निपथ


गुण गुण गुना  रे , गुण  गुण  गुना  रे , गुण  गुण  गुना  यह  गाना  रे  – 6 times
हो  मायुसिओं  के  चोंगे  उतार  के  फ़ेंक  दे  न  सारे
केंडल यह शाम  का  फूँक  रात  का   केक काट  प्यारे
सीखा  न  तुने  यार  हमने  मगर  सिखाया   रे
दमदार नुस्का  यार  हमने  जो  आजमाया  रे
आसुओं  को  चूरन  चबा  के  हमने  डकार  मारा  रे
गुण  गुण  गुना  रे , गुण  गुण  गुना  रे , गुण  गुण  गुना  यह  गाना  रे  – 2 times
हम  हैं  सर  पे  तेरे  के  झलोके  यह  टोकरे
ला  हमको  देदे  हल्का  होजा  रे  तू  छोकरे
जो  तेरी  नींदें  अपने  नाख़ून  से  नोच  ले  वोह
दर्द  सारे  जलते  चूल्हे  में  तू  झोंक  रे
ज़िन्दगी  के  राशन  में , ग़म  का  गोटा  ज्यादा  है
ब्लैक  में  खरीदेंगे  ख़ुशी  का  पिटारा  रे
गुण  गुण  गुना  रे , गुण  गुण  गुना  रे , गुण  गुण  गुना  यह  गाना  रे  – 2 times
हो  ए  हो
तू  मुंह  फुला  ले  सूरज  भी  ढलने  लगे
अरे  तू  मुस्कुरा  दे  चाँद  का  बल्ब  जलने  लगे
तू  चुप  रहे  तोह  मानो  बहरी  लगे  ज़िन्दगी
तू  बोल  दे  तो  परदे  कानो  के  खुलने  लगे
एक  बांध  बोतले   के , जैसा  क्या  हां  बैठा  है
खाली  दिल  से  भर  दे  न , ग्लास  यह  हमारा  रे
गुण  गुण  गुना  रे , गुण  गुण  गुना  रे , गुण  गुण  गुना  यह  गाना  रे  – 2 times
हो  बिंदास  होके  हर  ग़म  को  यार  खूँटी  पे  टांग  दूंगा
थोडा  उधार  इत्मीनान  मैं  तुमसे  ही  मांग  लूँगा
है  सीखा  है  मैंने  जो  तुमने  सिखाया  रे
दमदार  नुस्का  यार  मैंने  भी  आजमाया  रे
आसुओं  का  चूरन  चबा  के  मैंने  डकार  मारा  रे
गुण  गुण  गुना  रे , गुण  गुण  गुना  रे , गुण  गुण  गुना  यह  गाना  रे  – 3 times

अभी मुझ में कहीं :अग्निपथ


अभी  मुझ  में  कहीं , बाकी  थोड़ी  सी  है  ज़िन्दगी
जगी  धड़कन  नयी , जाना  जिंदा  हूँ  मैं  तो  अभी
कुछ  ऐसी  लगन  इस  लम्हे  में  है
यह  लम्हा  कहाँ  था  मेरा
अब  है  सामने , इससे  छू  लू  ज़रा
मर  जाऊ  या  जी  लू  ज़रा
खुशियाँ  चूम  लूं
या  रो  लू  ज़रा
मर  जाऊ  या  जी  लूं  ज़रा
हूँ  अभी  मुझ   में  कही , बाकी  थोड़ी  सी  है  ज़िन्दगी
हूँ  धुप  में  जलते  हुए  तन  को , छाया  पढ़  की  मिल  गयी
रूठे  बच्चे  की  हंसी  जैसे , फुसलाने  से  फिर  खिल  गयी
कुछ  ऐसा  ही  अब  दिल  को  महसूस  हो  रहा  है
बरसों  के  पुराने  ज़ख्मों  पे  मरहम  लगा  सा  है
कुछ  ऐसा  रहें , इस  लम्हे  में  है
ये  लम्हा  कहाँ  था  मेरा
अब  है  सामने , इससे  छू  लूं  ज़रा
मर  जाऊं  या  जी  लूं  ज़रा
खुशियाँ  चूम  लूं
या  रो  लूं  ज़रा
मर  जाऊं  या  जी  लूं  ज़रा
डोर  से  टूटी  पतंग  जैसी , थी  यह  जिंदगानी  मेरी
आज  हूँ  कल  हो  मेरा  न  हो
हर  दिन  थी  कहानी  मेरी
एक बंधन  नया  पीछे  से अब  मुझको  बुलाये
आने  वाले  कल  की  क्यूँ  फिकर  मुझको  सता  जाए
इक  ऐसी  चुभन , इस  लम्हे  में  है
यह  लम्हा  कहाँ  था  मेरा
अब  है  सामने , इससे  छू  लूं  ज़रा
मर  जाऊं  या  जी  लूं  ज़रा
खुशियाँ  चूम  लूं
या  रो  लू  ज़रा
मर  जाऊं  या  जी  लू  ज़रा 

देवा श्री गणेशा : अग्निपथ


वाला  सी  चलती  है  आँखों  में  जिसके  भी
दिल  में  तेरा  नाम  है
परवाह  ही  क्या  उसका  आरम्भ  कैसा  है  और  कैसा  परिणाम  है
धरती  अम्बर  सितार  है
उस्सकी  नज़ारे  उतारे
डर  भी  उस  से  डरा  रे
जिसकी  रख्वालिया  रे
करता  साया  तेरा 
देवा  श्री  गणेशा ..
हो  तेरी  भक्ति  का  वरदान  है
जो  कमाए  वोह  धनवान  है
बिन  किनारे  की  कश्ती  है  वोह
देवा  तुझसे  जो  अनजान  है
यूँ  तो  मूषक  सवारी  तेरी
सब  पे  है  पहेरेदारी  तेरी
पाप  की  आंधियां  न  कहा
कभी  ज्योति  न  हारी  तेरी
अपनी  तकदीर  का  वोह , खुद  सिकंदर  हुआ  रे
भूल  के  यह  जहां  रे , किसकी  सिलिएँ  या  हारे
साथ  पाया  तेरा  हे
देवा  श्री  गणेशा ..
हो  तेरी  धूलि  का  टीका  किये
देवा  जो  भक्त  तेरा  जिए
उससे  अमृत  का  है  मोह  है  क्या
हस  के  विष  का  वोह  प्याला  पिए
तेरी  महिमा  के  छाया  तले
काल  के  रथ  का  पहिया  चले
एक  चिंगारी  पक्षोध  से
कड़ी  रावन   की  लंका  जले
शत्रुओं  की  कतारे, इक  अकेले  से  हारे
कण  भी  परभात  हुआ  रे , शरोक बन  के  जहां  रे
नाम  आया  तेरा  हे
देवा  श्री  गणेशा ..
गणपति  बाप्पा  मोरेया
हरे  रामहरे  राम , राम  राम  हरे  हरे ..

चिकनी चमेली छुप के अकेली :अग्निपथ


बिच्छू  मेरे  नैना , बड़ी  ज़ेहेरीली  आँख  मारे 
कमसिन  कमरिया  साली  इक  ठुमके  से  लाख  मारे 

हाय  ! 
बिच्छू  मेरे  नैना , बड़ी  ज़हेरीली  आँख  मारे 
कमसिन  कमरिया  साली  इक  ठुमके  से  लाख  मारे 
नोट  हज़ारो  के , खुल्ला  छुट्टा  कराने   आई 
हुस्न  की  तिल्ली  से  बीडी -चिल्लम  जलाने  आई 

आई  ! चिकनी  चमेली  छुप  के  अकेली  पव्वा  (quarter) चढ़ा  के  आई  (x4 times)

जंगल  में  आज  मंगल  करुँगी  मैं 
भूखे  शेरों  से  खेलूंगी  मैं 
मक्खन  जैसी  हथेली  पे  जलते  अंगारे  ले  लुंगी  मैं 
हाय !  गहरे  पानी  की  मछली  हूँ  राजा 
घाट  घाट  दरिया  में  घूमी  हूँ  मैं 
तेरी  नजरो  की  लहरो  से  हार  के  आज  डूबी  हूँ  मैं 
http://www.lyricsmint.com
होए  जानलेवा  जलवा  है 
देखने  में  हलवा  है 
जानलेवा  जलवा  है 
देखने  में  हलवा  है 
प्यार  से  परोस  दूँगी  टूट  ले  ज़रा 

यह  तोह  ट्रेलर  है  पूरी  फिल्लम  दिखने  आई 
हुस्न  की  तिल्ली  से  बीडी -चिल्लम  जलाने  आई 

आई   ! चिकनी  चमेली  छुप  के  अकेली  पव्वा  चढ़ा  के  आई  (x4 times)

बंजर  बस्ती  में  आई  है  मस्ती 
ऐसा  नमकीन  चेहरा  तेरा 
मेरी   नीयत  पे चढ़के  छूते ना है  रंग  गहरा  तेरा 
जोबन  ये  मेरा  केंची  है  राजा
सारे  पर्दों  को  काटूँगी  मैं 
शामे  मेरी  अकेली  है  आजा  संग  तेरे  बीतौंगी  मैं 
हाय ! बातों  में  इशारा  है 
जिसमे  खेल  सारा  है   
बातों  में  इशारा  है 
जिसमे  खेल  सारा  है   
तोड़  के  तिजोरियों  को  लूट  ले  ज़रा 
चूम  के  ज़ख्मो  पे  थोडा  मलहम  लगाने  आई 
हुस्न  की  तिल्ली  से  बीडी -चिल्लम  जलाने  आई 
आई  चिकनी ..चिकनी ...आई ..आई 
आई  चिकनी ..चिकनी ...आई ..आई 
आई  ! चिकनी  चमेली  छुप  के  अकेली  पव्वा  चढ़ा  के  आई .... 

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