इत्ती सी हंसी : बर्फी

इत्ती सी हंसी
इत्ती सी ख़ुशी
इत्ता सा टुकड़ा चाँद का
ख़्वाबों के, तिनकों से
चल बनाएँ आशियाँ

दबे दबे पाँव से
आये हौले हौले ज़िन्दगी
होंठों पे ऊँगली चढ़ा के
हम ताले लगा के चल
गुमसुम तराने चुपके-चुपके गायें
आधी-आधी बाँट लें
आजा दिल की ये ज़मीं
थोड़ा सा तेरा सा होगा
थोड़ा मेरा भी होगा
अपना ये आशियाँ

ना हो चार दीवारें
फिर भी झरोखें खुले
बादलों के हो परदे
शाखें हरी, पंखा चले
ना हो कोई तकरारें
अरे मस्ती, ठहाके चले
प्यार के सिक्कों से
महीने का खर्चा चले
दबे दबे पाँव से...

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