कभी ऐसा लगता है, दिल में एक राज़ है
जिसे कहना चाहूँ, पर मैं कह पाऊँ ना
आँखों ही आँखों में कह जाती है जो ये
खामोशियों की ये कैसी ज़ुबां
मैंने सुना जो ना उसने कहा
क्या ऐसा ही होता है प्यार
मेरे खुदा मुझे इतना बता
क्या ऐसा ही होता है प्यार
कभी ऐसा लगता है, अनजानी प्यास है
पर सिमटी होठों में वो रह पाए ना
कैसा एहसास है, कोई तो पास है
ये दूरियां हैं फिर कैसी यहाँ
महकी लगे क्यों सारी फिज़ा
क्या ऐसा ही होता है...
ये सच है चाहत पे कभी, किसी का भी ज़ोर नहीं
दिलबर की यादों को बांधे, ऐसी कोई डोर नहीं
सब कुछ वही पर लगता नहीं
क्या ऐसा ही होता है...
इक पल जो मिल जाए दिल को, चला जाए दूर कहीं
दुनिया में इस दिल के जैसा, कोई मजबूर नहीं
मैंने सुना प्यार करता जहां
प्यार ऐसा भी होता है...
जिसे कहना चाहूँ, पर मैं कह पाऊँ ना
आँखों ही आँखों में कह जाती है जो ये
खामोशियों की ये कैसी ज़ुबां
मैंने सुना जो ना उसने कहा
क्या ऐसा ही होता है प्यार
मेरे खुदा मुझे इतना बता
क्या ऐसा ही होता है प्यार
कभी ऐसा लगता है, अनजानी प्यास है
पर सिमटी होठों में वो रह पाए ना
कैसा एहसास है, कोई तो पास है
ये दूरियां हैं फिर कैसी यहाँ
महकी लगे क्यों सारी फिज़ा
क्या ऐसा ही होता है...
ये सच है चाहत पे कभी, किसी का भी ज़ोर नहीं
दिलबर की यादों को बांधे, ऐसी कोई डोर नहीं
सब कुछ वही पर लगता नहीं
क्या ऐसा ही होता है...
इक पल जो मिल जाए दिल को, चला जाए दूर कहीं
दुनिया में इस दिल के जैसा, कोई मजबूर नहीं
मैंने सुना प्यार करता जहां
प्यार ऐसा भी होता है...
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