आप के प्यार में हम सवरने लगे : राज़



आप के प्यार में हम सवरने लगे
देखके आप को हम निखरने लगे
इस कदर आप से हमको मोहब्बत हुई
टूटके बाज़ुओं में बिखरने लगे
आप के प्यार में हम सवरने लगे

आप जो इस तरह से तडपाएँगे
ऐसे आलम में पागल हो जाएँगे
वो मिल गया जिसकी हमें
कब से तलाश थी
बेचैन सी इन साँसों में
जन्मों की प्यास थी
जिस्म से रूह में हम उतरने लगे
इस कदर आप से हमको मोहब्बत हुई
टूटके बाज़ुओं में बिखरने लगे
आप के प्यार में हम सवरने लगे

रूप की आँच से तन पिघल जाएगा
आग लग जाएगी, मन मचल जाएगा
यह लब ज़रा टकराए जो
दिलबर के होंट से
चिंगारियाँ उड़ने लगी
शबनम की चोट से
हम सनम हद से आगे गुज़रने लगे
इस कदर आप से हमको मोहब्बत हुई
टूटके बाज़ुओं में बिखरने लगे
आप के प्यार में हम सवरने लगे

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